A Simple Key For Shiv chaisa Unveiled

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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।

अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं shiv chalisa lyricsl पाई॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

दर्शन देकर, धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

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